मन को शांति और सुकून कैसे मिले

foryoutimes.com
5 Min Read
मन को शांति और सुकून कैसे मिले

मन को सुकून देने वाली कहानी

मन को शांति और सुकून कैसे मिले, ध्यान और शांति की तलाश में हम साथ चलते हैं। मन को शांति और सुकून कैसे प्राप्त किया जा सकता है, यह जानकारी और अनुभव से भरपूर यहाँ है। हम उस अंतर्मुखी यात्रा के साथ हैं जो हमें अपने आत्मा के साथ मिलती है, जिससे हमें अपने जीवन की गहराईयों में सुकून का अनुभव होता है। यहाँ आपको सुकून भरी कहानियों, ध्यान विधियों, और आत्म-साक्षात्कार के साथ-साथ आत्मा के आनंद की मिलती-जुलती जानकारियाँ प्राप्त होंगी। यह हम साथ संवेदनशीलता और विचारों को साझा करेंगे जो हमें एक संतुलित, सकारात्मक और सुखमय जीवन की दिशा में ले जाएं।

मन को शांति और सुकून कैसे मिले, इस यात्रा में, हम साथ चलते हैं और सुकून के कुछ पलों को खोजते हैं, जो अपने साथ जीवन के सभी पहलुओं में एक मधुर स्थिति का अनुभव करने में सहायक होते हैं।आइए, हमारे साथ इस अनंत और रोमांचक यात्रा पर निकलें, जो हमें सुकून, शांति और आनंद की सच्ची परिभाषा के लिए खोजने के लिए प्रेरित करती है।

सुकून भरी जिंदगी

बात करने का असली मज़ा तो उन लोगों के साथ आता है जिनके साथ कुछ बोलने से पहले सोचना ना पड़े। जिंदगी का सबसे अच्छा पल वो है जब आप कहें कि मैं ठीक हूँ और आपका दोस्त एक पल आपकी आँखों में देखें और कहे चल बताना क्या बात है?

जिस कॉपी पर सब विषयों को संभालने की जिम्मेदारी होती है। वो अक्सर रफ़ कॉपी बन जाती है। परिवार में जिम्मेदार इंसान का भी यही हाल होता है। संबंधों की गहराई का हुनर दरखतों से सीखो। जड़ों में जख्म लगते हैं तो टहनियां सूख जाती हैं। कान कहता है कि पैसा सब कुछ खरीद सकता है दम है तो टूटे विश्वास को खरीद कर दिखाएं।

सुकून के कुछ पल

अगर इंसान खुद की गलतियों को अपनी उंगलियों पर गिरने लगे तो दूसरों के ऊपर ऊँगली उठाने का वक्त ही नहीं मिलेगा। भरोसा रखें जब हम कहीं किसी के लिए अच्छा कर रहे होते हैं तब हमारे लिए भी कहीं ना कहीं कुछ अच्छा हो रहा होता है। तारीफ अपने आप की करना फिजूल है। खुशबू तो खुद ही बता देती है की कौन सा फूल है जरूरी नहीं की हर समय जुबां पर भगवान का नाम आए। वो लम्हा भी भक्ति से कम नहीं होता जब इंसान इंसान के काम आए।

व्यक्तित्व की भी अपनी ही वाणी होती है जो कलम और जीप के इस्तेमाल के बिना भी लोगों के अंतर मन को छू जाती है। चबाशु आपका हो और पिघलता कोई और हो तो समझ लेना की वो रिश्ता उच्च से उच्च कोटिका है, फिर चाहे वो रिश्ता प्रेम का हो या मित्रता का, कभी कभी किसी के लफ्ज़ इतने चुप जाते हैं कि हम चुप से हो जाते हैं और सोचते हैं कि क्या वाकई हम इतने ही बुरे हैं?

पेड़ काटने आए थे। कुछ लोग मेरे गांव में अभी धूप है कहकर बैठे हैं उसी के छाव में, संबंधों की गहराई का हुनर दरखतों से सीखो जड़ों में जख्म लगते हैं तो टहनियां सूख जाती है। हवा में सुनी हुई बातों पर कभी यकीन मत करना कान के कच्चे लोग अक्सर सच्चे रिश्ते खो देते हैं। किसी की पीठ के पीछे बस एक काम करना सही है, उसके लिए दुआ करना।

हमेशा प्रेम की भाषा बोली। इसे बहरे भी सुन सकते है और गूंगे भी समझ सकते है। प्यार इंसान से करो, उसकी आदत से नहीं रूठो उसके बातों से मगर उनसे नहीं फूलों उनकी गलतियों को, मगर उन्हें नहीं क्योंकि रिश्तों से बढ़कर कुछ भी नहीं। खुद का अगर मान चाहो तो औरों का अभिमान रखो, कहने को अगर जीभ मिली है तो सुनने को भी कान रखो। मन करता है की बारिश में रख दूँ जिंदगी को ताकि धुल जाए पन्नू की स्याही जिंदगी को फिर से लिखने का मन करता है कभी कभी।

Read More :
  • सुकून भरी जिंदगी
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *