Shanti Ka Matlab Kya Hai
Shanti Ka Matlab Kya Hai, यदि आप जीवन में सच्ची शांति और समृद्धि की खोज में हैं, तो यह Hindi Motivational Story, आपके लिए है। यहाँ हम बात करेंगे कि Shanti Ka Matlab Kya Hai, और उसे अपने जीवन में कैसे लाया जा सकता है। Motivational Story, हम जीवन के समस्याओं और उनके समाधान पर ध्यान केंद्रित करेंगे, साथ ही मनोवैज्ञानिक और धार्मिक पहलुओं को भी समीक्षा करेंगे।
Shanti Ka Matlab Kya Hai, चाहे वह स्ट्रेसफुल दिनों की चुनौतियों का सामना हो या खुशी और समृद्धि की खोज में हो, इस Hindi Motivational Story, पढ़ने वालों को शांति की एक नयी परिभाषा और समय के साथ समझाएगा कि शांति से ही असली समृद्धि होती है।
Hindi Motivational Story
जीवन में प्रार्थना और ध्यान दोनों का होना आवश्यक है। प्रार्थना में भगवान आपकी सुनते है और ध्यान में आप भगवान की सुनते है। यहा Hindi Motivational Story, दो दोस्तों की जिनके बीच में एक शर्त लगी की एक दोस्त जो है, वो एक मकान के अंदर बंद हो जाएगा। 1 साल के लिए अंदर ना मोबाइल होगा, ना टी वि होगी, एंटरटेनमेंट का कोई साधन नहीं होगा, सिर्फ भोजन उस तक पहुंचा दिया जाएगा और उसे उसी मकान के अंदर बंद रहना है। यहाँ तक की छत पर भी नहीं जाना हैं।
Motivational Story
उस दोस्त ने कहा ठीक है, भाई मैं तैयार हूँ इस शर्त को निभाने के लिए, लेकिन तुम मुझे क्या दोगे? दूसरे दोस्त ने कहा भाई मैं तुम्हे ₹10,00,000 दूंगा, लेकिन तुम्हे शर्त को फॉलो करना है अगर तुमने फॉलो नहीं किया अगर शर्त तोड़ दिया। तुम अंदर से घंटी बजा सकते हो। बाहर से हम दरवाजा खोल देंगे लेकिन वो शर्त अगर टूट जाती है तो फिर तुम्हें मुझे ₹10,00,000 देने होंगे। शर्त के लिए वो दोस्त तैयार था। शर्त का दिन जो था वो आ गया। समय जो था वो शुरू हुआ। उसने घर के अंदर खुद को कैद कर लिया, बाहर नहीं निकला।
ना उसके पास मोबाइल था ना उसके पास में टी वि थी। एंटरटेनमेंट का कोई साधन नहीं था। घर में कोई था नहीं। वो अकेला बंद हो चुका था। 10, 15 दिन तो उसने जैसे तैसे निकाले लेकिन फिर उसके अंदर फ्रस्टेशन बढ़ने लगी। वो दीवारों पर मुक्के मारने लगा। ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगा, गालियां देने लगा, फ्रस्ट्रेट होने लगा। उसे लगता था ये मैंने क्या कर लिया? बहुत बार मन करता था की जाकर के वो घंटी बजा दूं और ये शर्त खत्म करो, लेकिन फिर उसे वो ₹10,00,000 वाली बात याद आती थी की ₹10,00,000 मुझे देने पड़ जाएंगे। अगर फॉलो कर ली 1 साल निकाल लिया तो 10,00,000 मिल भी सकते हैं, इसलिए चुपचाप रह जाता। बहुत बार मन करता की दरवाजा तोड़कर के बाहर चला जाऊं लेकिन करता नहीं। वो काम नहीं करता.
धीरे धीरे उसे लगा कि इस शर्त में ही मुझे अपना सुकून ढूंढना होगा। भोजन उसके पास समय से आया था। भोजन करने के बाद वो एक जगह एक समय के लिए बैठ गया और जब उसने वहाँ बैठ करके अपने अकेले पन को महसूस किया, उस अंदर की शांति को महसूस किया, आंखें बंद की और ध्यान करना शुरू किया तो उसे जीवन का सार समझ में आ गया। उस दिन उसे ऐसा लगा कि ये शर्त सही तो है, ये शर्त उसे अपने अंदर के अपने आप से मिला रही है।
उसके बाद वो कभी भी गुस्सा नहीं करता था। फ्रस्ट्रेट नहीं होता था, दीवारों पर मुक्के नहीं मारता था, बस चुपचाप बैठ जाता था। जब भी उसे लगता की अब बोर होने लगा हूँ, ध्यान में बैठ जाता था और एक असीम सी शांति का अनुभव करता था। 1 साल खत्म होने को आया था, सिर्फ 2 दिन बचे थे और वो जो दोस्त था जीसको लग रहा था की मेरे दोस्त ने तो शर्त पूरी कर दी।
अब उसे ₹10,00,000 देने पड़ेंगे। वो दिवालिया होने लगा था। उसके पास में पैसे खत्म हो गए थे, उसका धंधा डूब गया था। अब उस लगा ₹10,00,000 कहाँ से ला करके दूंगा तो उसने एक प्लान बनाया। वो अपने पास में गन लेकर के उस घर पर गया की दोस्त को गोली मार देता हूँ, बात खत्म करता हूँ, शर्त को खत्म करता हूँ।
लेकिन जब वो वहाँ पहुंचा तो देखता है कि उस घर का दरवाजा खुला हुआ है, वो व्यक्ति तो बाहर निकल चुका है और एक चिट्ठी वहाँ चिपकी हुई है। जीस पर लिखा था। कि मेरे प्यारे दोस्त शर्त खत्म होने में सिर्फ एक ही दिन बचा है। अब तो मैं बस इस शर्त को खत्म करने वाला हूँ। ₹10,00,000 जीतने वाला हूँ लेकिन अंदर रह करके मैंने समझ लिया कि 10,00,000 रुपयों की वैल्यू नहीं है। इसीलिए मैंने यह शर्त खुद से ही तोड़ दी। तुम्हें मुझे पैसे देने की जरूरत नहीं है। मैंने अंदर रह करके महसूस किया कि आप अपने आप से मिल सकते हैं, अपनी ताकत को बड़ा सकते हैं। ध्यान के जरिए आप एक असीम शांति का अनुभव कर सकते हैं।
उस दोस्त के आंखें खुल के उसको समझ में आ गई कि लाइफ का क्या है? बैलेंस कैसे क्रियेट करना है. अगर आपको इस कहानी से सीखना है तो यह मत सोचिए कि 1 साल के लिए बंद हो जाएंगे। आप अपने दिन में एक घंटा अपने लिए निकालिए, एक घंटा अगर मुश्किल है तो आधा घंटा निकालिए और ये सोचिए कि किसी ने आपसे शर्त लगा ली है जहाँ आपको आधे घंटे के लिए चुपचाप एक जगह पर बैठे रहना है, किसी मोबाइल टी वि के सहारे नहीं बल्कि अपने अंदर की आत्मा के जरिए अपने अंदर शांति तलाशनी है। आप महसूस करेंगे कि वो आधा घंटा आपके दिन भर की शक्ति को दोगुना चौगुना कर देगा। बस वह आधा घंटा वह 30 मिनट अपने आप को दीजिए।
आपके बचे हुए साढ़े 23 घंटे में एनर्जी बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी। ये जो शांति की ताकत है, ये जो एकाधता की ताकत है, जो शक्ति है मेडिटेशन की इसी को ये Motivational Story, समझाती है।
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