खुद को किसी से कम मत समझो
दुनिया में जहां तुलना अक्सर आत्म-सराहना को छांट देती है, हम आपको याद दिलाने के लिए यहां हैं कि आप वास्तव में अद्वितीय हैं। You Are NOT Less Than Anyone, आत्म-प्रेम, आत्म-विश्वास, और व्यक्तित्व को स्वीकार करने की संस्कृति को बढ़ावा देना है। खुद को किसी से कम मत समझो, यह सभी कार्यों की बुनियाद है। हम मानते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति में निहित मूल्य होता है और दूसरों के मुकाबले अधिकतम सम्मान का हकदार होता है। You Are NOT Less Than Anyone जानकारी से भरपूर लेखों, व्यक्तिगत अनुभवों, और प्रेरणात्मक संसाधनों के माध्यम से, हम आपको उत्साहित करने का उद्देश्य रखते हैं ताकि आप अपनी यात्रा और उपलब्धियों का जश्न मना सकें, चाहे वह कितनी भी छोटी या बड़ी क्यों न हो।
You Are NOT Less Than Anyone की शक्ति का अनुभव करें जब हम स्व-खोज, व्यक्तिगत विकास, और अड़े रास्तों के बारे में चर्चा करते हैं। हमारा उद्देश्य आपको उस उपकरण और प्रोत्साहन प्रदान करना है जिसकी आवश्यकता है ताकि आप अपने जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें और आत्मनिर्भरता और वास्तविकता के साथ।
खुद की पहचान
एक छोटा सा गांव था वहाँ पर एक आदमी पहाड़ पर पत्थर तोड़ने का काम करता था। उसको अपनी जिंदगी से कोई गिला शिकवा नहीं था। पूरा दिन वो काम करता, मेहनत करता, दिन के एंड में जो थोड़ा बहुत पैसा मिलता वो जाकर के अपने परिवार के साथ में थोड़ा सा टाइम स्पेंड करता और चैन से सो जाता तो 1 दिन रोज़ की तरह वो अपना काम खत्म करके अपने घर की तरफ जा रहा था तो रास्ते में चलते चलते उसके मन में ख्याल आया ये भी कोई ज़िन्दगी है की सुबह से शाम तक मैं पत्थर तोड़ने का काम करता हूँ और लास्ट में मेरे को थोड़े से पैसे मिलते है जिसमे मुश्किल से मेरा और मेरे परिवार का गुज़ारा हो पाता है।
काश कुछ ऐसा हो जाये की कही से मुझे कोई ऐसी शक्ति मिल जाये की जो भी मैं चाहता हूँ। वो सच हो जाए, वो अपने घर पर गया, उसने खाना खाया लेकिन उसका ध्यान खाने की तरफ नहीं था। उसके दिमाग में यही ख्याल चल रहा था। उसके बाद में वो यही सोचते सोचते सो गया। फिर नींद आने के कुछ देर बाद उसको एक सपना आया। सपने में उसने देखा की रोज़ की तरह वो अपना काम खत्म करके अपने घर लौट रहा था।
आत्म विश्वास
रास्ते में उसने एक बहुत ही बड़ा घर देखा और उसके मन में आया की काश ये घर मेरा होता और मैं इसका मालिक होता और उसके ये सोचते ही उस घर का मालिक बन गया। उसको यकीन ही नहीं हो रहा था की जो उसने सोचा, वो वो बन चुका है लेकिन उसकी खुशी ज्यादा देर नहीं टिक पाई क्योंकि उसको एकदम से एक शोर सुनाई दिया। उसने अपने घर के बाहर देखा की एक बहुत बड़ी रैली निकल रही जिसमें बीचोबीच एक पॉलिटिशियन है, जो हाथ हिला रहा है और वहाँ पर जीतने भी लोग खड़े थे।
सब उसके नाम के नारे लगा रहे थे। उसके आगे हाथ जोड़ करके खड़े थे। सब उसको देखने के लिए तड़प रहे थे। तब उसको ये एहसास हुआ की मैं कितना छोटा हूँ उसके आगे और फिर उसके अंदर से एक ख्याल उठा के काश में ये पॉलिटिशियन होता और मेरे पास भी इतनी ही पावर होती जितनी की इसके पास में हैं। बस उसका इतना सा सोचने की देर थी। वो पॉलिटिशियन बन गया।
उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था क्योंकि उसके आसपास में हजारों लोगों की भीड़ थी और सब उसको देखने के लिए तरस रहे थे, तड़प रहे थे लेकिन उसकी ये खुशी भी ज्यादा देर नहीं टिक पाई, धूप बहुत ही तेज थी और उस पॉलिटिशियन को आदत नहीं थी इतनी गर्मी में रहने की तो उस धूप की वजह से उसको चक्कर आ गए और वो बेहोश हो करके गिर गया। फिर उसको एहसास हुआ की ये पॉलिटिशियन सबसे ताकत और नहीं है। ये जो सूरज है ये सबसे ताकतवर है और उसके मन में आया की काश में ये सूरज बनजाऊ तो मेरे आगे कोई नहीं टिक पाएंगे।
और उसका इतना सा सोचने की देर थी और वो सूरज बन गया और वो ख़ुशी से पागल हो गया क्योंकि पूरी दुनिया को वो ही रोशन कर रहा था और पूरी दुनिया में ऐसा कोई नहीं था जो की उसकी रौशनी को रोक सके। लेकिन उसकी ये ख़ुशी भी ज्यादा देर टिक नहीं पाई क्योंकि कुछ ही देर बाद आसमान में कुछ काले बादल आए जिन्होंने की उस सूरत की रौशनी को रोक दिया। फिर उसको एहसास हुआ की इस दुनिया में ऐसा भी कोई है जिसमें दम है उसकी रौशनी को रोकने का और उसके मन में ये ख्याल उठा की काश में वो बादल बन जाओ और वो बादल बन गया और आसमान में उड़ने लगा।
उसको ऐसा लगा की मैं आसमान में उड़ रहा हूँ और अब मैं जहाँ चाहे वहाँ जा सकता हूँ। लेकिन कुछ देर बाद वहाँ पर एक बहुत तेज हवा का झोका आया जो की उन बाद लोगों को उड़ा करके ले गया और फिर उसे ये समझ आया की ये जो बादल है वो सूरज की रौशनी को तो रोक सकते हैं लेकिन हवा को नहीं रोक सकते। ये हवा उनको बहा करके ले जाती है।
फिर उसके मन में आया की काश मैं ये हवा बन जाऊ और वो हवा बन गया। हवा बनने के बाद में उसको अपने अंदर एक अलग ही ऊर्जा का अनुभव हुआ। वो चाहे तो आराम से बहता और चाहे तो आंधी बन करके तूफान बन करके जीसको भी चाहे उड़ा करके ले जाता, उसको ये विश्वास होने ही लगा था की इस दुनिया में सबसे ज्यादा शक्तिशाली मैं हूँ।
लेकिन तभी उसके सामने आया एक पहाड़ उसने अपनी पूरी ताकत लगा दी लेकिन उस पहाड़ को वो थोड़ा सा भी नहीं हिला पाया। तब उसको एहसास हुआ की इस दुनिया में कोई है जो हवा से भी ज्यादा शक्तिशाली है। जिसमें दम है उस हवा को रोकने का फिर उसके मन में आया की काश में ये पहाड़ होता और वो पहाड़ बन गया।
लेकिन हर बार की तरह इस बार भी उसकी खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिक पाई। उसको एक जानी पहचानी से आवाज सुनाई दी और साथ ही साथ उसको दर्द होने लगा। जैसे की कोई है जो उसको तोड़ रहा है, उसको मार रहा है तो दर्द से वो चीखने लगा और उसके मन में आया की काश में वो बन जाऊं क्योंकि इस पहाड़ को तोड़ने का दम रखता हैं।
लेकिन इस बार उसकी ये ख्वाहिश पूरी नहीं हुई। वो रोने लगा, चीखने लगा चिल्लाने लगा उसने अपनी पूरी जान लगा दी लेकिन इस बार वो नहीं बन पाया। उसका दर्द बढ़ता ही चला जा रहा था और दर्द की वजह से एकदम से उसकी नींद खुली और सामने शीशा था। उसने शीशे में देखा और उसको समझ आया की सपने में मैं वो क्यों नहीं बन पा रहा था जो मैं बनना चाहता था क्योंकि असलियत में मैं वो ही हूँ।
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